Vanda Orchid
Vanda tessellata or
Vandaka (वन्दाका)
Species: Vanda
roxburghii.
Common name: Checkered
Vanda, Vanda Orchidमनी
प्लांट भी एक बांदा
है
तंत्र में अकसर बांदा का जिक्र आता
है और कहा जाता है की बांदा बेहद तीब्र प्रभावकारी वनस्पति होती है, जो शीघ्र प्रभावी
होती है| इससे सभी प्रकार के षट्कर्म किये जाते हैं| सामान्य रूप से यह धन समृद्धि,
लाभ, सौभाग्य, शांति, कलह निवारण, लक्ष्मी प्राप्ति के लिए अत्यधिक उपयोगी होती है|
बांदा एक वनस्पति है, जो भूमि पर न
उगकर किसी वृक्ष पर उगती है| इस प्रकार यह परजीवी पौधा है जो किसी अन्य पेड़ या पौधे
पर उगकर उसी के तत्वों से अपना पोषण करता है| आम, जामुन, महुआ ,आदि के पेड़ों पर इसे
सरलता से देखा जा सकता है| इसके पत्ते हरे, मोटे, कड़े, और आकर में कुछ लम्बे तथा गोलाई
युक्त होते हैं| फूल बहुत सुन्दर, गुलाबी रंग के, लौंग के आकार में उत्पन्न होते हैं|
ये फूल गुच्छों में होते हैं और इनके नीचे निमौली जैसा फल भी मिलता है |
माना जाता है की बांदा एक प्रकार का
रोग सूचक पौधा है| यह स्वयं भी रोग और शोषक है| अतः जिस पेड़ पर उगता है उसकी वृद्धि
रुक जाती है| एक प्रकार का क्षयकारी प्रभाव उस पेड़ को भीतर ही भीतर जर्जर करने लगता
है| इसीलिए अकसर इसे काट दिया जाता है| या उस डाली को ही काट कर हटा दिया जाता है जिसपर
यह निकली होती है| वैसे बाँदा किसी भी पेड़ पर उग सकता है|
तंत्र शास्त्र में वृक्ष भेद के अनुसार
बांदा के प्रयोग और प्रभावों का विस्तार से वर्णन किया गया है| हर पेड़ के बंदे का अलग-अलग
प्रभाव होता है| किन्तु सभी पेड़ों का बाँदा सुलभ नहीं होता| कुछ पेड़ों का बाँदा तो
"हीरा -नीलम" जैसा दुर्लभ होता है| अस्तु बाँदा एक तुच्छ, उपेक्षित और अनुपयोगी
वनस्पति दिखने पर भी तंत्र शास्त्र की दृष्टि से अद्भुत प्रभावशाली होता है| कार्य
अनुसार अभीष्ट बांदा प्राप्त करके उसका विधिवत प्रयोग किया जाए तो सचमुच लाभ होता है|
बांदा की प्राप्ति में मुहूर्त का
बहुत बड़ा महत्व है, आवश्यकता अनुसार बांदा खोजकर उसे सम्बंधित मुहूर्त में पूर्व निमंत्रण
के साथ निर्दिष्ट विधि से ले आयें और निर्दिष्ट विधि से प्रयोग करें| मुहूर्त निर्धारण
में नक्षत्र का विशेष ध्यान रखा जाता है| प्रत्येक बाँदा के लिए अलग अलग नक्षत्र की
उपयोगिता का निर्देश मिलता है| जो प्राचीन ऋषि-मुनियों के अनुसंधान-शोध-परीक्षण के
अनुसार बनाये गए हैं| प्रत्येक पेड़ पर उगे बांदा की प्रयोग विधियां, उनकी प्रतिक्रया,
प्रभावशालिता, मुहूर्त, प्राप्ति विधि भिन्न हो सकती है अतः विषय विशेषज्ञ तन्त्रचार्य
के निर्देशन में यह उपयोग में लाइ जाती है|
आम, महुआ, जामुन, बेल, सिरस, पीपल,
बरगद, कटहल, इमली, बेर, बड, अशोक, नीम, अनार, हरसिंगार, आदि के बांदा सामान्यतया प्राप्त
होते हैं जिनकी विधियाँ और प्रभाव भिन्न होते हैं और आवश्यकता नुसार प्रयोग में लाये
जाते हैं| किसी पीपल पर बरगद या नीम अथवा बरगद पर पीपल या नीम बहुतायत देखने को मिल
जाते हैं, लोग इन्हें ही बाँदा समझ लेते हैं जबकि यह बाँदा नहीं है, बाँदा एक भिन्न
जाती का पौधा ही होता है| विभिन्न बाँदा प्रयोग से अनुकूलता, शारीरिक सुरक्षा, श्रम-संघर्ष-युद्ध
में विजय, शक्ति, साहस, धन-संमृद्धि प्राप्त होती है, आय के स्रोत उत्पन्न होते हैं,
सफलता आरोग्य प्राप्त होता है, घर में आया हुआ दुर्भाग्य, दुष्ट ग्रहों का प्रभाव,
नजर-टोना अभिशाप, अभिचार समाप्त होता है, शारीरिक शकतो बढ़ता है, बुढ़ापा रोकता है, इससे
विरोधी-शत्रु को दुःख-दुर्भाग्य-पीड़ा भी दी जा सकती है (इसके लिए विशिष्ट पौधे का बाँदा
प्रयोग होता है), बाँदा से दिव्या दृष्टि पाई जा सकती है, गर्भधारण कराया जा सकता है,
आदि आदि इसके अनेकानेक प्रयोग है|
मनीप्लांट भी एक प्रकार बांदा है|
मनीप्लांट भी एक प्रकार बांदा है|
तंत्र प्रयोगों में अनेक वनस्पतियों
का भी उपयोग किया जाता है, बांदा भी उन्हीं में से एक है। बांदा एक प्रकार का पौधा
होता है जो जमीन पर न उगकर किसी वृक्ष पर उगता है। इस प्रकार यह एक परोपजीवी पौधा है
जो किसी अन्य पेड़-पौधे पर उगकर उसी के तत्वों से पोषित होता है। तंत्र शास्त्र के
अनुसार प्रत्येक पेड़ पर उगा बांधा एक विशेष फल देता है। जानते हैं किस पेड़ का बांदा
किस कार्य के लिए उपयोगी होता है-
1- बेर का बांदा- बेर के बांदे को
विधिवत तोड़ कर लाने के पश्चात देव प्रतिमा की तरह इसको स्नान करवाएं व पूजा करें।
इसके बाद इसे लाल कपड़े में बांधकर धारण कर लें। इस प्रकार आप जो भी इससे मांगेंगे
वह सब आपको प्राप्त होगा।
2- बरगद का बांदा- यह बांदा बाजू में
बांधने से हर कार्य में सफलता मिलती है और कोई आपको हानि नहीं पहुंचा सकता।
3- हरसिंगार का बांदा- यह बांदा काफी
मुश्किल से मिलता है। यदि हरसिंगार के बांदे को पूजा करने के बाद लाल कपड़े में लपेटकर
तिजोरी में रखें तो आपको कभी धन की कमी नहीं होगी।
4- अनार का बांदा- इस बांदे को पूजा
करने के बाद घर में रखने से किसी की बुरी नजर नहीं लगती और न ही भूत-प्रेत आदि नकारात्मक
शक्तियों का घर में प्रवेश होता है।
5- आंवले का बांदा- आंवले का बांदा
भुजा में बांधने से चोर, डाकू, हिंसक पशु का भय नहीं रहता।
6- नीम का बांदा- नीम के बांदे को
अपने दुश्मन से स्पर्श करा दें तो उसके बुरे दिन शुरु हो जाते हैं।
7- आम का बांदा- इस पेड़ के बांदे
को भुजा पर धारण करने से कभी भी आपकी हार नहीं होती और विजय प्राप्त होती है।
please tell the auspicious nakshatra to get pipal ka banda .
ReplyDeleteSwati nakshatra is the best
ReplyDeleteCongratulations.....
ReplyDeleteयह अनुभूत प्रयोग किया और परिणाम भी मिला।
ReplyDeleteमैने किसी गुरू से जाना था यह।
सबका भला हो।
जय श्री राम।
गोपाल मिश्र कानपुर से।